पहेलियाँ ही पहेलियाँ

पहेलियाँ ही पहेलियाँ
पहेलियाँ ही पहेलियाँ

1. तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी,
न भाड़ा न किराया दूँगी,
घर के हर कमरे में रहूँगी,
पकड़ न मुझको तुम पाओगे,
मेरे बिन तुम न रह पाओगे,
बताओ मैं कौन हूँ?

2. गर्मी में तुम मुझको खाते,
मुझको पीना हरदम चाहते,
मुझसे प्यार बहुत करते हो,
पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।

3. मुझमें भार सदा ही रहता,
जगह घेरना मुझको आता,
हर वस्तु से गहरा रिश्ता, 
हर जगह मैं पाया जाता

4. ऊपर से नीचे बहता हूँ,
हर बर्तन को अपनाता हूँ, 
देखो मुझको गिरा न देना 
वरना कठिन हो जाएगा भरना।


5. लोहा खींचू ऐसी ताकत है,
पर रबड़ मुझे हराता है,
खोई सूई मैं पा लेता हूँ,
मेरा खेल निराला है।

6. बेशक न हो हाथ मे हाथ
पर जीता है वो आप के साथ
बताओ क्या ?

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उत्तर : 1. हवा 2. पानी 3. गैस 4.द्रव्य 5. चुंबक 6. परछाई
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